गुरु और चेले में क्या अंतर हे और इस अन्तर की सत्यता क्या हे।
Great knowledge of soul मित्रो आज का विषय बहुत ही सुन्दर है। ये हमारी अनंतो अज्ञानताओ को तो समाप्त करेगा ही साथ में इन गुरुओ के मकड़ जाल से छुड़ाने में भी मदद करेगा। तो फिर चलते हे अपने लेख की और गुरू और चेले में क्या अंतर हे। गुरु वही जो सत्य मार्गदर्शक बने हमारे अध्यात्म मार्ग का और निशुल्क हो उसके दर्शन और निशुल्क हो उसका ज्ञान और निशुल्क हो उसका मार्गदर्शन। और उसका प्रत्येक कर्म निशुल्क हो। समस्त इच्छाओं से समस्त वासनाओं से पूर्ण मुक्त हो। और पद प्रतिष्ठा का ने तो अभिमान हो। और न ही स्वाभिमान उसके दर पर गरीब और अमीर का कोई भेदभाव ने हो। और उसकी नजरो में सब समान हो । क्या गुरुओं को इतने बड़े बड़े आश्रमों की आवस्कताओ की जरूरत हे। सत्य का मार्गदर्शक बनने के लिए। क्या आश्रमों का विकाश और निर्माण कराकर ही सत्य मिलता हे। क्या गुरु दक्षिणा से ही सत्य मिलता हे। जो पापी को भी सत्य मार्ग पर चला सके। और धर्मात्मा बना दे। ऐसी समर्थता ही तो सत्य गुरु की पहचान कराती हे। लेकिन आज वास्तविकता कुछ और ही हे। आज तो गुरुओं की गुरु दक्षिणा इतनी होती हे की जीवन भर की कमाई भी कम पड़ जाए फिर भी इनका