बुधवार, 29 मार्च 2023

स्थूल गर्भ और सूक्ष्म गर्भ में क्या अंतर हे।

Great knowledge of soul

मित्रो,

आज का विषय अत्यंत महत्वपूर्ण हे।
ये विषय आपके अनंत रूढ़िवादी विचारो को तोड़ कर रख देगा।

जो ये कहते हे की में किसी गर्भ से नहीं आया वो भी किसी न किसी गर्भ से ही आया हे। 

क्योंकि अनंत सूक्ष्म शरीर होते हे और जो जितनी सूक्ष्मता से जितनी स्थूलता में आता हे वो किसी प्रक्रिया के तहत ही स्थूलता में आता हे।


कुछ वस्तु अदृश्य होती हे और वह अदृश्य वस्तु अनंत
सूक्ष्मता को धारण किए होती हे।
 


अब विषय ये हे की स्थूल गर्भ और सूक्ष्म गर्भ में अंतर क्या हे।

अब आप मुझे बताओ की आपका जन्म स्थूल गर्भ से हुआ या फिर सुक्ष्म गर्भ से। 
आप कहोगे की स्थूल गर्भ से मतलब मां के पेट से ।

तो मित्रो ये जन्म हमारा प्रथम जन्म हे या आखरी जन्म।

बाते बहुत हे क्युकी ज्ञान भी अनंत हे।

तो मित्रो आपका प्रथम जन्म परमचेतना से हुआ।
जो अति सूक्ष्म से भी अति सूक्ष्म हे।

परम चेतना से फिर नीचे के स्तर में चेतना का जन्म होता हे।
क्युकी चेतना गिरती हे। उच्चता से निम्नता की और ।

परमचेतना से चेतना का जन्म हुआ। 

और फिर चेतना जन्म लेती और मरती हुई ।
फिर जन्म लेते लेते हम स्थूलता में आ गए।
तब स्थूलता में हमारा जन्म हमारी मां के गर्भ से हुआ।

अब ये प्रक्रिया हे। और ये प्रक्रिया।
सूक्ष्म स्तर और स्थूल स्तर पर अलग अलग होती हे । 

जितनी ज्यादा सूक्ष्मता उतनी ही ज्यादा सुक्ष्म प्रक्रिया।
और जितनी ज्यादा स्थूलता उतनी जटिल स्थूल प्रक्रिया।

प्रक्रियाओ में हमे नही जाना हे। क्युकी प्रक्रिया भी अनंत हे।
यहां हम आत्म ज्ञान की बात करेंगे।

मित्रो 
सूक्ष्म गर्भ भी अनंत होते हे। क्युकी सूक्ष्म शरीर भी अनंत हे 
स्थूल गर्भ भी अनंत होते हे। क्युकी स्थूल शरीर भी अनंत हे।
 
शब्द की उत्पत्ति असब्द से हुई।
धुन की उत्पत्ति अधुन से हुई हे।
ज्ञान की उत्पत्ति अज्ञान से हुई।
देह की उत्पत्ति अदेह से हुई।
प्रकाश की उत्पत्ति अंधकार से हुई।
स्थूल शरीर की उत्पत्ति सूक्ष्म शरीर से हुई।

लेकिन अब आप से कोई ये कहे की ये तो कही से प्रगट हुऐ हे।

तो तुरंत समझ जाना की ये किसी अति सूक्ष्म गर्भ से ही आए हे


और आत्मा को कही भी आने और जाने की जरूरत नही हे।
जो सर्वव्याप्त हे उसे कही भी आने जाने की जरूरत नही हे।

वो जन्म ही नही लेती हे।
क्युकी वो अजन्मा हे अजन्मा।

इसीलिए वो अजर अमर अविनाशी हे ।

जो जन्म लेता हे उसे मरना पड़ता हे।

और जो भी कही से प्रगट हुऐ हे वह अपने लोक का ज्ञान देकर
चले जाते हे ।अपने लोक में ले जाने के कारण। और अपने लॉक से ऊपर के लॉक का ज्ञान ने होने के कारण।

लेकिन अब आपको परख मिल गई हे अब आपको कोई भी नही भटका सकता हे।
 
और कोई अब भी भटकना चाहता हे। तो मित्रो ।
मेरा अनुरोध हे की आप इस ज्ञान को आज ही छोड़ दे।

अपना समय बर्बाद नही करे।
आपको जैसा सही लगे वैसा वैसा ज्ञान ले ।

आप स्वंत्र हे।
जिस को प्यास लगती हे वो पानी के पास अपने आप चला जाता हे। 

धन्यवाद 






















































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