अनंतो ढोंग रचाकर मोक्ष की प्राप्ति नही कुछ और ही मिलता हे।
Great knowledge of soul
मित्रो,
आज हम एक अच्छे विषय पर बात करेंगे।
जो अनंतो ढोंग की पोल खोल देगा।
पूर्ण सत्य जब घटता हे तब पूर्ण ताम झाम खुल जाते है।
ढोंगी बाबाओं के।
मेने किसी बाबा से पूछा सपने में की बाबा
आप जप करते हो।
आप तप भी करते हो।
यज्ञ भी करते हो । लेकिन क्यू करते हो ।
कर्म से फल की प्राप्ति होती हे इसलिए करते हे बच्चा।
ये फल हमेशा के लिए तो नही मिलते हे बाबा ।
जितने और जेसे कर्म वैसे ही उतने फल मिलते हे बच्चा।
तो आपका मुख्य लक्ष्य तो मोक्ष ही हे।
तो फिर इन फलों का आप क्या करोगे ।
कर्म से तो मोक्ष नही मिलता हे बाबा।
मोक्ष के लिए तो सब कुछ छोड़ना पड़ता हे।
फिर इन कर्मो को क्यू करते हो।
या फिर ये सब दिखावटी ही हे।
कोनसे ढोंग दिखावटी हे बच्चा ।
आप जैसे अनंतो प्रकार के तिलक लगा लेते हो ।
भगवा झोला पहन लेते हो।
गले में अनंतो मालाये डाल लेते हो।
बड़े बड़े बाल और दाढ़ी और ये कमंडल किसलिए।
मोक्ष के लिए ।
कुछ पाने के लिए ये सब जरूरी हे क्या
कर्म करो और अपना फल प्राप्त करो। बात समाप्त
इतनी रचना किसलिऐ।
बिना रचना के कर्म फल नही मिलता हे क्या।
ये ढोंग किसलिये दिखाते हो। की आप स्पेशल हो।
आप ही भक्त हे और आप ही प्रभु। आप हि साधु संत
और आप ही तपस्वी हे ।
बच्चा ये ढोंग रचाने से ही लोगो को कुछ दिखता हे।
अरे भाई ढोंग नहीं दिखाएंगे तो कोन मानेगा की हम साधु या संत हे।
अच्छा तो आप ये ढोंग दिखाने के लिए करते हो।
आपको भगवान से कुछ प्राप्त नहीं करना हे ।
अरे भाई दिखाने से ही मिलता हे। वैसे तो कोन देता हे।
अच्छा तो कुल मिलाकर दिखाने से ही मिलता है।
कर्म फल कुछ नहीं हे।
अरे नही भाई जनता से लेने के लिए दिखावा जरूरी हे।
और भगवान से लेने के लिए जप तप व्रत और यज्ञ को करना जरूरी है। दोनो विधि अलग हे।
अच्छा तो आप दोनों विधि से लेने के लिए ऐसा करते हो।
अरे नही भाई देखो,और सुनो।
जप तप और व्रत और यज्ञ से जब मिलेगा तब मिलेगा।
लेकिन अभी फिलहाल तो इन ढोंगो से ही पेट पालना हे।
लेकिन बाबा मेहनत से भी तो पेट पल सकता हे।
देखो बच्चा ये अपना अपना बिजनेस हे। कोई केसे पेट पालता हे कोइ केसे ।
अब हम इतने पढ़े लिखे तो हे नही की किसी की नौकरी कर के अपना पेट पाल ले ।
इसीलिए बच्चा मजबूरी का नाम महात्मा गांधी हे ।
अच्छा तो कुल मिलाकर ये ढोंग पेट के लिए हे।
हा बच्चा,
लेकिन बाबा जब आपको जप तप और ध्यान और व्रत और यज्ञ और तपस्या का फल मिलेगा तब उसका क्या करोगे ।
बच्चा लोगो का कल्याण ही करेंगे और क्या करेंगे ।
कल्याण करेंगे तो लोगो की भीड़ आयेगी और भीड़ आयेगी
तब तो तुम्हारी दान पेटी ओवर फ्लो हो जायेगी ।
फिर तो तुम्हारी भी जय और भगवान की भी जय।
और फिर आश्रम बनाकर भक्तो को ज्ञान देंगे। और ज्ञान दान के साथ साथ कुछ सेवा करेंगे और कुछ सेवा करवा भी लेंगे।
और ज्ञान देकर फिर गुरु दक्षिणा भी ले लेंगे।
इससे भक्तो पर किसी भी प्रकार का भार नही पड़ेगा ।
अब समझे बच्चा।
मेने ने कहा बाबा आपने तो एमबीए वालो को भी फेल कर दिया।
नहीं बालक हम तो बस प्रभु का नाम लेते हैं।
और अपना जीवन यापन भी कर लेते हे ।
और हमें क्या चाहिए बच्चा ।
मेने कहा बाबा आप तो धन्य हे।
बाबा ने कहा बच्चा धन्य तो वो परमात्मा हे ।
हम तो बस उसकी एक झलक हे।
मेने कहा अच्छा बाबा एक बात बताओ।
बाबा ने कहा पूछो बच्चा ।
हम जो कर्म करते हे, उसका फल भगवान हमे दे भी देते हे।
तो बाबा अनंतो कर्म हे और अनंतो ही फल ।
जैसा कर्म वैसा ही फल ।
तो बाबा आप मुझे मोक्ष का कोनसा कर्म हे उसे बताए।
बाबा ने कहा बच्चे इसके लिए आपको
सब कुछ छोड़ना पड़ेगा । मेने कहा बाबा में सब कुछ छोड़ दूंगा लेकिन बाबा जब सब कुछ कर्म से ही मिलता हे ।
तो कोई यज्ञ या जप तप या कोई व्रत बताओ ।
बच्चा इसमें सब कुछ मिटाना और छोड़ना पड़ता है।
इसकी प्राप्ति के लिऐ ही तो मैंने अपना सब कुछ छोड़ दिया और जंगल में आकर रह रहा हु ।
मेने कहा बाबा फिर ये जप तप और यज्ञ क्यू करते हो।
जब मोक्ष के लिए सब कुछ छोड़ना ही है।
तो इनको भी छोड़ दो ।
फिर क्यों बे वजह आप इन फालतू कर्म को करते हो।
इनको करोगे तो इनके फल भी मिलेंगे।
और फल निश्चित मिलेगा ये तो प्रकृति का नियम हे ।
लेकिन कब मिलेगा ये निश्चित नही हे ।
फिर तो आपको इन फलों का इन्तजार ही करना पड़ेगा।
और इन्तजार करते करते ने जाने कब दी एंड हो जाए। और दी एंड होने के बाद तो दूसरा जन्म ही मिलता हे।
और दूसरे जन्म में हम पिछले जन्म का किया भूल जाते हे।
फिर तो जो मिलेगा उसे भुगतना ही पड़ेगा।
अब बच्चा आने वाले जन्म को कोन देख रहा हे। जो हो रहा हे
वो अच्छा ही हो रहा हे।
और जो होगा वह भी अच्छा ही होगा ।
फिर मैने बाबा से कहा बाबा फिर तो बिलकुल भी कर्म नही करने चाहिए ।
क्युकी जो होना हे वो अच्छा ही होगा तो फिर ये ताम झाम
करने की क्या जरूरत हे।
बाबा अंतर्ध्यान हो गए । और मेरी भी आंख खुल गई।
असली बात ये है।
हम भोले भाले लोग बे वजह ऐसे ढोंगियों के चक्कर मे आ जाते हे। और अपना कीमती समय भी खराब भी करते हे अन्त में कुछ भी नही मिलता हे।
सब नाशवान हे। इस सृष्टि में। कुछ भी हमेशा के लिए नही रहता हे। हम इनकी प्राप्ति के लिए व्यर्थ कर्म करते हे।
जो अमर धन हे उसे कोई प्राप्त नही करता हे।
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